हंसने की बात नहीं,अपना पाला हुआ बहुत लाड़ला होता ही है, चाहें बोल अपना बच्चा हो या पशु पक्षी। मुझे भी चंद महीने पहले अपने मिट्ठू से जूदा होना पड़ा। डॉक्टर की पत्नी ने खाना छोड़ दिया, वाह क्या प्यार है, इसके तोते के लिए मुझे लगता है अपने पति को इतना प्यार नहीं करती होगी जितना तोते को करती है।
सबसे सुन्दर जीवन है पंछियों का।
ना कोई सीमा ना कोई शरद।
इनको पीजरे मे क़ैद ना करो।
--धन्यवाद
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